जबलपुर के 33 और भोपाल के 21 अस्पतालों पर एक्शन, प्रदेश के 92 निजी अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त

भोपाल। जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल अग्निकांड की घटना से सबक लेते हुए मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों पर एक्शन लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में करीब 92 निजी अस्पतालों को चिन्हित कर उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया है। विभाग ने जांच के लिए कमेटी बनाई थी। इसमें खामियां मिलने पर एक्शन लिया गया है।

लाइसेंस निरस्त होने वाले अस्पतालों में सर्वाधिक संख्या जबलपुर की है। यहां 33 हॉस्पिटल पर एक्शन लिया गया है। इसके बाद राजधानी भोपाल में 21 जबकि ग्वालियर में 19 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने 10 अगस्त से 31 अगस्त तक अभियान चलाकर प्रदेश भर के प्रायवेट अस्पतालों की जांच की। जांच में खामियां मिलने के बाद अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। संतोषजनक जवाब न मिलने पर अब 92 अस्पतालों के पंजीयन निरस्त किए गए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच के दौरान 23 जिले ऐसे मिले जहां एक भी नर्सिंग होम के पास टेंपररी एनओसी नहीं था। इनमें राजगढ़, विदिशा, झाबुआ, बड़वानी, भिंड, शिवपुरी, मुरैना, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, उज्जैन, नीमच, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, आगर मालवा, पन्ना, दमोह, सतना, सीधी, उमरिया, अशोकनगर, नरसिंहपुर शामिल है।

बता दें कि अगस्त महीने की पहली तारीख को जबलपुर के न्यू लाइफ सिटी हॉस्पिटल में आग लगने से आठ लोग जिंदा जल गए थे। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर के प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की जांच कराई। हर जिले में एक डॉक्टर के साथ नगर निगम के फायर ऑफिसर और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑफिसर के साथ जॉइंट टीम बनाकर अस्पतालों व निजी नर्सिंग होम्स का निरीक्षण कराया गया। इसके बाद इन हॉस्पिटल के खिलाफ एक्शन लिया गया।